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(बादल)
बादल बरसे बिजली गरजे
बरसे मेघ फुहार रे —–
ताल तलैया भरे हुए सब
मेढक शोर मचाये
रिमझिम रिमझिम बारिश होती
कोयल गीत सुनाये
बागो में है फूल खिले यहाँ
चलती मस्त हवाए
डाली डाली झूम रही है
उड़ उड़ तितली जाये
आया बादल घुमड़ घुमड़ के
पंछी पियार जताए
छोटी चिड़िया खेल रही है
भवरे गाना गाये
पियासी धरती बोल रही है
बादल पियास बुझाये
लिखो रविंदर पियार रे
बादल बरसे बिजली गरजे
बरसे मेघ फुहार रे —–
महाभारत के भीम प्रवीण कुमार के साथ कवी रविंदर सिंह
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