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किशान देवता

kavi ravinder singh .com
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इस दुनिया मै बीच तुम्हारे लोगो रहे किशान सुणो

जीव जगत को करके ख्वाता है दुज्जा भगवान सुणो ……………

कली -1

चीरके शीन्ना धरती का वो अन्न उपजाया करता

महा पोह के पाले मै भी खेत मैं पाया करता

तेज दुपहरी पैर फुके वो बंजड बहाया करता

आगे आजा सांप जहरीले पीट बगाया करता

बैल सांड और गाय भैस का रक्खे कितना ध्यान सुणो

कली -2

भरी दुपहरी 1 बजे वो खेत सै चालले करता

बारिश उप्पर निर्भर होके फसल उगाले करता

14- 15- 16 पसेरी वो बोझा ठाले करता

12 – महिन्ने फसल पकी वो राम हवाले करता

काम उसी को पूरा करता लेवे जिसको ठान सुणो

कली -3

बिजली चमके चौमासे मै ईख बंधावे करता

फसल बीघा २ दोपहरे तक खोद बगावे करता

बिना टेम की आदत पड़गी रोटी खावे करता

सिद्धा भोला किशान जिसे यो जगत भकावे करता

ना कोई जावे द्वार ते उल्टा करता अन्न का दान सुणो

कली -4

आगे चलती बैल की जोड़ी आप वो पाच्छे हाली

काम जरुरी हो उप्पर सै रात भी होजा काली

रोज रोज वो सुने कविता जाट रविंदर वाली

सुबहे उठके ठाले करता हल पात्तथा और फाली

खेती का भी काम नहीं यो है होता आशान सुणो

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