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भ्रष्टाचारी

kavi ravinder singh .com
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वो तो भूखा  भ्रष्टाचारी

पहरे कुर्ती नीची  प्यारी

ढुङ्गे पे पिस्टल न्यारी—————-

बात करे वो बड़ी बड़ी

जनता देखे थी खड़ी  खड़ी

आया बोटो का व्यपारी—————-

अपने तो काम करेगा पूरे

चलजाइयो चाहे चक्कूछूरे

करली है पक्की त्यारी————-

बोत चूकती लेणा चाहवे

रात रात भर सुपने आवे

करी बदमाशो ते यारी———-

मीठी बात बताया करता

मिल छाती के लाया करता

नू लिखे  रविंदर सारी————–

वो तो भूखा  भ्रष्टाचारी

पहरे कुर्ती नीची  प्यारी

ढुङ्गे पे पिस्टल न्यारी—————-

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